People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

छत्तीसगढ़ में अबूझमाड़ के घने जंगलों के भीतर ११ फरवरी २०११ को बहुत गहरे राजनीतिक और ऐतिहासिक घटना घटी. इस दिन सीपीआई (माओवादी) ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मीडिया के चुनिंदा सदस्यों के सामने छत्तीसगढ़ पुलिस के पांच जवानों को रिहा किया. सीपीआई (माओवादी) २५ जनवरी २०११ को इन पुलिसवालों का अपहरण किया था. यह घटना महवपूर्ण है क्योंकि माओवादियों ने पुलिसवालों को बिना शर्त रिहा किया था. यह बात भी महत्वपूर्ण है कि माओवादियों ने पुरे देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं कि मांगो पर सकारात्मक कदम उठाया.

प्रस्तुत रिपोर्ट द्वारा हम सिर्फ घटनाओं का रिकॉर्ड रखने के लिए अपने अनुभवों को दर्ज नहीं करना चाहते हैं. दरअसल, इस पुरे घटनाक्रम के साथ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे जुड़े हुए हैं और दुभाग्यवश मीडिया या सार्वजनिक विचार-विमर्श इन मुद्दों को ज्यादा जगह नहीं मिली है. माओवादियों ने यह आह्वाहन किया है कि इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाये और गहन सार्वजनिक वाद विवाद करने कि मांग की. यह रिपोर्ट उन मुद्दों को उजागर करती है.

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जिंदगियों की कीमत

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