२६ जनवरी २०११ को दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में स्थित एक फेक्टरी में आग लगने से १३ मजदूरों की मौत हो गयी और ५-६ मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. लभग ७ महीनों तक बाद भी मजदूरों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने या इन मजदूरों की मौत के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ है. प्रस्तुत छोटी रिपोर्ट उस सर्वव्याप्त गैरबराबरी के सम्बन्ध में है जो करोड़ों मजदूरों की जिंदगियों (और मौत) को नियंत्रित करती है. साथ ही यह रिपोर्ट वैश्वीकरण के इस दौर में अनौपचारिक छेत्र के मजदूर बाज़ार के अन्यायी ढांचे के सम्बन्ध में है.
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