
झारखण्ड के गांवों में सैन्य अभियान और सरकारी सशत्र बलों द्वारा गांव वलून को प्रताड़ित किये जाने की जो ख़बरें बड़े महानगरों तक छन छन तक आती रही हैं उनकी तह में जाने की जरूरत लम्बे समय से महसूस हो रही थी। यह ख़बरें मानवाधिकार संस्थाओं की रिपोर्टों में ही नहीं, स्थानीय अख़बारों में भी छपती तही हैं। इन्ही सवालों का जवाब ढुंढने के लिए कोआर्डिनेशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक राइट्स (सी ड़ी आर ओ ) ने इन इलाकों का दौरा किया। यह जांच दो चरणों में हुई।
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