Skip to main content
HomePage
28 Aug 2015

उद्योग विहार की कपड़ा फक्ट्रियों में हादसों की सूची बढ़ती जा रही है | 20 जून 2015 को ओरियेंट क्राफ्ट नामक फैक्ट्री के 'फिनिशिंग' विभाग में काम करने वाले एक मज़दूर पवन कुमार को लिफ्ट का प्रयोग करते समय बिजली के झटके लगे थे और वह घायल हो गया था | खबर सुनते ही कई मज़दूर फैक्ट्री के गेट पर इकट्ठा हो गए थे | इससे पहले 12 फरवरी 2015 को उद्योग विहार, गुड़गांव में कपड़ा फैक्ट्रियों के सैंकड़ों मज़दूर सड़कों पर आ उतरे और कुछ फैक्ट्रियों की बिल्डिंगों पर पत्थर फैंके | उन्होंने अफ़वाह सुनी थी की उनके एक साथी मज़दूर समी चंद की मौत हो गई है | बाद में पता चला कि समी चंद की मौत नहीं हुई थी, पर दो दिन पहले उसके साथ बुरी तरह मार पीट की गई थी | वह गौरव इंटरनाश्नल (प्लाट संख्या 236, उद्योग विहार, फेज़ 1) में काम करता था और 10 फरवरी को काम पर देरी से पहुँचने पर कम्पनी के अफसरों और कर्मचारियों ने उसे मिलकर पीटा था | पी.यू.डी.आर. और पर्सपेक्टिव्स ने तय किया की वह इस घटना की एक जॉइंट फैक्ट-फाइंडिंग (सम्मिलित जांच) करेंगे | टीम सामी चंद, उसकी पत्नी और भाई से मिली | साथ ही टीम सूबे सिंह (एस.एच.ओ., उद्योग विहार थाना), अमरदीप डागर (जनरल मेनेजर - ह्यूमन रिसोर्सेस और एडमिनिस्ट्रेशन, रिचा एंड कंपनी), गिरफ्तार हुए मज़दूरों में से एक के वकील, और कापसहेड़ा में रह रहे कुछ मज़दूरों से भी मिली |

Keywords: मज़दूर, उद्योग विहार, कपड़ा फैक्ट्री, कापसहेरा, फैक्ट फाइंडिंग, गुड़गाँव, श्रम क़ानून, कीमतें, वेतन, न्यूनतम मज़दूरी

Download this article here