
२३ मई २०१२ को हरियाणा के हिसार जिले में भगाना गांव के ७० दलित परिवारों ने, मवेशियों समेत अपना गांव छोड़कर, हिसार शहर में स्थित मिनी सचिवालय के बहार अपना डेरा जमा लिया। समाचारों के मुताबिक वे अपने गांव के जाटों द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न और जमीन पर कब्जे का विरोध कर रहे थे. इसी सन्दर्भ में पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स, दिल्ली और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स, पंजाब ने २१ जून २०१२ को इस मामले कि एक संयुक्त जांच क़ी.
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