People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

The civil rights movement in India has emerged as an autonomous voice in defense of civil liberties and democratic rights of our people. The Peoples Union for Democratic Rights, Delhi, is one such organisation. It came into existence in 1977 as the Delhi unit of a larger national forum, PUCLDR, and became PUDR on 1 February, 1981.

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Latest Publications

दमन, दंडमुक्ति और जाति: सहारनपुर में दलितों पर राजपूतों के हमले की एक घटना पर एक रिपोर्ट

5 मई 2017 को शब्बीरपुर गाँव, जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश, में राजपूतों द्वारा दलितों पर हमले की एक घटना हुई। इस हिंसा के दौरान एक राजपूत युवक की मृत्यु हो गई थी, 13 दलित लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, 40 दलित घरों को जला दिया गया था व दलितों की कुछ दुकानों को लूटा और...

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गाय गाथा – करनाल में हरियाणा गौ वंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम और इसके परिणाम

जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में सत्ता में आई है तब से गौवंश के लिए सतर्कता की बढ़ती घटनाएं और गौ वध आरै गौ मांस (बीफ) बंदी से संबंधित कानूनों से छेड़छाड़ की खबरें लगातार सुर्खियां में हैं। गौ रक्षा के प्रत्यक्ष रूप से सांप्रदायिक व जातीय एजेंडा से होने वाली...

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राजनैतिक मुकदमे का घातक नतीजा – यू.ए.पी.ए. और गढ़चिरोली सत्र न्यायालय का फैसला

गढ़चिरोली सत्र न्यायालय में चले मुकदमे का फैसला, जिसमें पाँच लोगों, जी.एन.साईबाबा, महेश तिरकी, पांडू नरोटे, प्रशांत राही और हेम मिश्रा को आजीवन कारावास और विजय तिरकी को 10 साल की कैद की सज़ा सुनाई गई है, एक विचारधारा और नृशंस यू.ए.पी.ए. कानून द्वारा प्रतिबंधित संगठन के...

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Latest Press Statements

पीयूडीआर रिपोर्ट – “द ऐंटी लेबर कोड्ज़”

आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ र्ष पर देश के मज़दरूों के लिए आज़ादी के बाद लगभग पहली बार कई ज़रूरी श्रम क़ाननू जैसे, इंडस्ट्रीयल डिस्पयूट्स अधिनियम (1947), फ़ैक्ट्रीज़ अधिनियम (1948), आदि का सुरक्षा कवच उपलब्ध नहीं होगा। इनमें से कुछ क़ाननू तो भारत की आज़ादी के साथ लाए गए...

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