People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

The civil rights movement in India has emerged as an autonomous voice in defense of civil liberties and democratic rights of our people. The Peoples Union for Democratic Rights, Delhi, is one such organisation. It came into existence in 1977 as the Delhi unit of a larger national forum, PUCLDR, and became PUDR on 1 February, 1981.

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Latest Publications

नैनीताल तराई: भूमि आन्दोलन और पुलिस दमन

रिपोर्ट नैनीताल जिले में नवम्बर 1988 में ज़मीन को लेकर उपजे विवाद और संघर्ष को पिछले दशकों में सरकारी नीतियों के तहत भूमि आवंटन में हुए अन्यायों और धांधलियों के संदर्भ में सामने रखती है| यह ज़मीन विभाजन से प्रभावित शरणार्थियों और स्वतंत्रता सेनानियों को विभिन्न सरकारी...

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Latest Press Statements

एक बार फिर न्याय में देरी !शंकरबीघा तथा अन्य जनसंहारों के मामलों में सर्वोच्च न्यायलय से स्वतः संज्ञान लेने की पी.यू.डी.आर. की अपील

पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स 1999 के शंकरबीघा जनसंहार (जहानाबाद ज़िला) के सभी दोषियों को बरी करने की तीव्र निंदा करता है | 14 जनवरी, 2015 को बिहार के जहानाबाद ज़िले के एक ट्रायल कोर्ट द्वारा शंकरबीघा जनसंहार में शामिल रणवीर सेना के सभी दोषियों को 'साक्ष्य के...

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Justice Delayed, and Denied Yet Again: PUDR urges Supreme Court to suo moto intervene in the Shankarbigha and other massacres

People's Union for Democratic Rights strongly condemns the acquittal of the accused in the Shankarbigha massacre (Jehanabad District) of 1999. On 14 January, 2014, a Trial Court in Jehanabad District of Bihar acquitted all the 24 accused members of Ranvir Sena in...

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PUDR Salutes Prof. Rajni Kothari

People’s Union for Democratic Rights expresses its sincere condolences on the death of Professor Rajni Kothari, public intellectual, civil rights activist and institution builder. A leading intellectual, Prof. Rajni Kothari’s academic pursuits emerged from his...

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दो दशक पुराने कुनन पश्पोरा मामले में पुनः जांच स्थगित – सैन्य बलों को प्राप्त दण्डमुक्ति का एक और उदाहरण

पी.यू.डी.आर. एक बार फिर इस देश में सैन्य बलों को मिली कानूनी दण्डमुक्ति के मुद्दे को चिन्हित करना चाहता है | 16 जनवरी 2015 को कुनन पश्पोरा बलात्कार मामले में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायलय ने एक ऐसा निर्देश जारी किया जो इस बात की तरफ इशारा करता है की इस देश में सैन्य बलों...

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