People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

The civil rights movement in India has emerged as an autonomous voice in defense of civil liberties and democratic rights of our people. The Peoples Union for Democratic Rights, Delhi, is one such organisation. It came into existence in 1977 as the Delhi unit of a larger national forum, PUCLDR, and became PUDR on 1 February, 1981.

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Latest Publications

एस.पी.एम. औटोकॉम्प में औद्योगिक दुर्घटनाएं और यूनियन बनाने का संघर्ष

मानेसर, हरियाणा का इन्डस्ट्रियल माडल टाउनशिप (आई.एम.टी.) दिल्ली-एन.सी.आर. का जाना माना औद्योगिक क्षेत्र है। औद्योगिक क्षेत्र होने के अलावा, यह क्षेत्र मारुती प्लान्ट के कारण भी मशहूर है। मारुती के मजदूरों का संघर्ष भी प्रचलित रहा है, और यह भी जानी हुई बात है कि हाल...

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एनडीए सरकार द्वारा श्रम क़ानूनों में मज़दूर-विरोधी संशोधन के खिलाफ एक हों!

एनडीए सरकार द्वारा ‘मेक इन इण्डिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘डिजिटल इण्डिया’ और ‘व्यापार की सहूलियत’ जैसे कार्यक्रमों का डंका बजाते हुए श्रम कानूनों में संशोधन किये जा रहे हैं | श्रम मंत्रालय द्वारा 43 श्रम कानूनों को 4 बड़े कानूनों में समेकित किया जा रहा है | इसी कड़ी में 10...

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Latest Press Statements

Condemn the solitary confinement and continuing harassment of the Bhima Koregaon accused by Taloja Central Jail authorities! Stop punishing political prisoners for their beliefs!

The high handedness of the Taloja Central Jail administration was evident in the events leading to the death of the octogenarian Bhima Koregaon undertrail, Stan Swamy on July 5, 2021. Almost immediately, the remaining BK undertrials protested the arbitrary jail...

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पीयडीआर रिपोर्ट – “द ऐंटी लेबर कोड्ज़”

आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ र्ष पर देश के मज़दरूों के लिए आज़ादी के बाद लगभग पहली बार कई ज़रूरी श्रम क़ाननू जसै े, इंडस्ट्रीयल डिस्प्यट्ूस अधिनियम (1947), फ़ैक्ट्रीज़ अधिनियम (1948), आदि का सरुक्षा कवच उपलब्ध नहीं होगा। इनमें सेकुछ क़ाननू तो भारत की आज़ादी के साथ लाए गए...

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