यह रिपोर्ट सितंबर 2007 मे दक्षिण मध्य प्रदेश के चोठिया गाँव मे पारधी समुदाय पर स्थानीय किसानो द्वारा किए गए तहस नहस और उनके विस्थापन का ब्योरा देती है। इस घटना के दौरान पुलिस और उच्च प्रशासन की राज्य मशीनरी भी मौजूद थी। इलाके के विधायक और कई राजनैतिक नेताओं ने भी इस कार्यवाही को जायज ठहराया था। इस विध्वंस के दौरान हत्या और सामूहिक बलात्कार की घटनाओं का भी उल्लेख किया गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं, वकीलों, और पत्रकारों के निरंतर प्रयासों के बाद केवल न्यायपालिका ही पारधीयों के बचाव के लिया आगे आई।
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अन्याय की व्यवस्था: मध्य प्रदेश के मुल्ताई में पारधीयों का हिंसपूर्वक विस्थापन और उनकी बदहाली यौन उत्पीड़न पर सरकारी पर्दा