यह रिपोर्ट तिहाड़ में रहने वाले कैदियों की जिंदगी पर एक छोटी सी रिपोर्ट है। उनके रहन सहन, जेल के जीवन, कठिनाइयों – जिनकी ज़िदगी से आम इंसान नावाकिफ है । पी. यू. डी. आर. ने जेल की जिन्दगी की पड़ताल एवं समझ के लिए अधिकारियों को कई बार दरख्वास्थ भेजी, जिसे हर बार ठुकरा दिया गया। इसलिये यह रिपोर्ट पूर्व कैदियों के बयानों, अदालतों के निर्णयों, जेल से रिहा हुए कैदियों और जेल कैदियों के परिवारों के बयानों पर आधारित है। तिहाड़ में कुल 9 जेल हैं, और यह एशिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला जेल है। इस जेल की क्षमता तो 6,250 की है परंतु इसमे लाभग 11,738 हैं। इसमे लगभग 82 प्रतिशत विचारधीन कैदी हैं, सिर्फ 18 प्रतिशत सजायाफ्ता और अन्य बंदी शामिल हैं। कुल मिलकर 4 प्रतिशत महिला कैदी और 96 प्रतिशत पुरुष कैदी हैं। 88 प्रतिशत महिलाएं विचारधीन कैदी हैं। कानूनी प्रावधान के विपरीत सुविधाएं देने में भेदभाव की नीति अपनाई जाती हैं। राजनैतिक पार्टियों के नेताओं , सांसदों के लिए जेल में ही “विशेष व्यवस्था” की गई है। वहीं दूसरी तरफ आम व्यक्ति के लिए बुनियादी अधिकार की माँग करना भी बेहद मुश्किल है।
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ऊँची दीवारों के पीछे: तिहाड़ जेल रहने के हालात पर एक रिपोर्ट
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Beyond the Prison Gates: A Report on Living Conditions in Tihar Jail