18 जुलाई 2016 जब बुरहन मुजफ्फर वानी मारा गया था, तब से कश्मीर घाटी में इस हत्या के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शन होता जा रहा है। सरकार इसे रोकने के लिए विभिन्न तरीके अपना रही है। जगह-जगह बन्द व कर्फ्यु लगा रही है। अपनी सैन्य व पुलीस बलों द्वारा क्रूर दमन चला रही है। साधारण नागरिकों की मारे जाने की संख्या 90 हो गई है। पैलेट गन से जख्मी होने की संख्या 7000 है, 1000 से ज्यादा लोग अंधे हो गये हैं, जख्मी लोगों में लगभग 17000 आम नागरिक तथा 10000 सुरक्षा बलों के लोग है। 6000 लोग या तो क्रूर काला कानून (पीएसए) पब्लिक सिक्युरिटी एक्ट के तहत हिरासत में लिए गये हैं या विभिन्न इल्जाम में गिरफ्तार किये गये हैं। रातों को दहशती छापे पड़ रहे हैं। भारतीय सेना ने ऑपरेशन काम डाउन चलाया हुआ है।
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