इस रिपोर्ट में विशवास नगर स्थित महिलाओं के अंदरूनी वस्त्र बनाने वाली एक जानी-मानी कम्पनी, ग्रोवर संस अपारेल्स की एक उत्पादन इकाई की तीसरी मंजिल में आग लग जाने से १२ मजदूरों की मौतों की दर्दनाक व् शोषित तस्वीर उजागर की गई है| रिपोर्ट दिखाती है कि किस प्रकार फैक्ट्री मालिक लगातार फैक्ट्री में सुरक्षा मापदंडों व् मजदूरों की जिंदगियों को ताक पर रख अपने मुनाफे बढ़ाने की ओर लगे रहते हैं| न केवल फैक्ट्री मालिक बल्कि सरकार व् श्रम विभाग जिसे कामगारों के हितों के लिए काम करना चाहिए, वे भी उनके प्रति गैर जिम्मेदार व् उदासीन नज़र आते हैं| रिपोर्ट दिखाती है की विशवास नगर में हुई घटना केवल एक फैक्ट्री में हो रहे उल्लंघनों की बात नहीं है बल्कि यह एक सर्वव्यापी व् संस्थागत प्रकिया का हिस्सा है जिसे दिल्ली की अनेकों छोटी- बड़ी फैक्टरियों के भवनों की बनावट, उत्पादन कार्यस्थल की स्थिति, मजदूरों को न्यूनतम से कम वेतमान, ठेका मजदूरी करवाने व् किसी हादसे के बाद की मुआवजा राशि की रकम आदि देने के तरीकों में आसानी से देखा जा सकता है|
रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें
बंद दरवाजों के पीछे