People’s Union for Democratic Rights

A civil liberties and democratic rights organisation based in Delhi, India

ग्रामीण बिहार में 1980 और 1990 के दशक में हुए हत्याकांडों के इतिहास के सन्दर्भ में और पीयूडीआर द्वारा किये गए अलग-अलग फैक्ट फाइंडिंग जांचों की मदद से, हम बिहार के गया ज़िले के बारा गाँव में 1992 में हुए हत्याकांड पर एक रिपोर्ट जारी कर रहे हैं |

इस रिपोर्ट में यह समझने की कोशिश की गई है कि तहकीकात, सुबूत इकट्ठे करने और रिकॉर्ड करने, आरोप तय करने, गवाहों के बयानों को विश्वसनीय मानने और अंततः दोषी ठहराए जाने और सज़ा देने में अपराधियों की सामाजिक पृष्ठभूमि का क्या असर पड़ता है | अमीरों, शक्तिशालियों और विशेषाधिकार प्राप्त के हित में गरीबों के साथ भेदभाव, आज भी आपराधिक न्याय प्रणाली के हर कोने में घुसा हुआ है | 4 आरोपियों को मिली फांसी की सज़ा इसे सबसे अधिक स्पष्टता से उजागर करती है |

यह रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है |

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2016-bara-Hindi-for-web.pdf

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